
- January 1, 2025
- Pandit Madhav Shastri
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घर पर पितृ दोष पूजा कैसे करें – सम्पूर्ण विधि
पितृ दोष हमारे जीवन में आने वाली अनेक कठिनाइयों का कारण बन सकता है। यदि यह दोष कुंडली में हो, तो जीवन में बाधाएँ, स्वास्थ्य समस्याएँ, विवाह में देरी और आर्थिक संकट जैसे परिणाम देखने को मिलते हैं। इसलिए, घर पर विधिपूर्वक पितृ दोष पूजा करना एक महत्वपूर्ण उपाय है। इस लेख में हम सरल और स्पष्ट तरीके से बताएंगे कि आप घर पर पितृ दोष निवारण पूजा कैसे कर सकते हैं।
पितृ दोष क्या है?
पितृ दोष का अर्थ है पूर्वजों की आत्मा का असंतोष या अधूरी इच्छाएँ। जब पितरों का तर्पण या श्राद्ध विधिपूर्वक नहीं होता, या उनके प्रति कर्तव्य का पालन नहीं होता, तो कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न होता है। इसका प्रभाव जीवन के अनेक पहलुओं पर पड़ता है।
घर पर पितृ दोष पूजा क्यों करें?
अक्सर यह प्रश्न उठता है कि क्या घर पर भी प्रभावी पितृ दोष पूजा संभव है? उत्तर है – हाँ, यदि श्रद्धा, विधि और नियमों का पालन किया जाए, तो घर पर की गई पूजा भी उतनी ही प्रभावशाली होती है।
फायदे:
मानसिक शांति मिलती है।
पारिवारिक कलह समाप्त होता है।
स्वास्थ्य और समृद्धि में सुधार होता है।
विवाह और संतान प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
पितृ दोष पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
पूजा आरंभ करने से पहले निम्नलिखित सामग्री एकत्रित कर लें:
सफेद वस्त्र
कुशा घास
तिल (काले और सफेद)
चावल
पंचपात्र
तुलसी दल
पुष्प माला
दीपक, धूप, अगरबत्ती
पंचमेवा
गाय का दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत के लिए)
पितरों का नाम लिखा पत्र
घर पर पितृ दोष पूजा करने की सम्पूर्ण विधि
1. सही दिन और समय का चयन
कब करें?
अमावस्या, पितृ पक्ष, या सोमवार/शनिवार को करना शुभ माना जाता है।
सूर्योदय से पहले या प्रातः काल का समय उपयुक्त रहता है।
2. शुद्धिकरण और आसन व्यवस्था
पहले घर की सफाई करें।
पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें।
स्वयं स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
3. संकल्प लें
हाथ में जल, फूल और चावल लेकर संकल्प करें।
पितरों का स्मरण करते हुए यह प्रतिज्ञा करें कि आप श्रद्धापूर्वक पूजा कर रहे हैं।
4. तर्पण और पिंड दान करें
तिल, जल, और चावल मिश्रण के साथ पितरों का तर्पण करें।
“ॐ पितृदेव्यै स्वाहा” मंत्र का जाप करते हुए जल अर्पित करें।
आटे से बने पिंड तैयार कर तिल और पुष्प अर्पित करें।
5. पितृ दोष निवारण मंत्रों का जाप
प्रमुख मंत्र:
“ॐ नमः भगवते वासुदेवाय सर्वपितृभ्यः स्वधा नमः।”
“ॐ पितृ देवाय नमः।”
कम से कम 108 बार मंत्र जाप करें।
6. दीपक और भोग अर्पण
दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती लगाएं।
फल, मिष्ठान्न और पंचमेवा का भोग लगाएं।
भोजन का पहला भाग गाय, कौवे और कुत्ते को अर्पित करें।
7. आशीर्वाद और समापन
अंत में पितरों से आशीर्वाद मांगें।
क्षमा याचना करें कि यदि कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करें।
क्या घर पर की गई पितृ दोष पूजा प्रभावी होती है?
प्रश्न: क्या बिना पंडित के घर पर पूजा करने से पूर्ण फल मिलता है?
उत्तर: यदि नियमों का सही पालन किया जाए और श्रद्धा सच्ची हो, तो घर पर भी किए गए पूजन से प्रभावी फल प्राप्त होते हैं। विशेष मुहूर्त और विधि का पालन करना आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. क्या हर साल पितृ दोष पूजा करनी चाहिए?
हाँ, पितृ पक्ष के दौरान प्रतिवर्ष श्राद्ध और तर्पण करना शुभ माना जाता है।
2. किसे घर पर पितृ दोष पूजा करनी चाहिए?
कुल का ज्येष्ठ पुत्र या जिस पर पितरों का ऋण अधिक हो, उसे यह पूजा करनी चाहिए।
3. पितृ दोष निवारण के लिए कौन-सा सबसे प्रभावी मंत्र है?
“ॐ पितृ देवाय नमः” का जाप अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
4. क्या घर पर पूजा के लिए पंडित बुलाना आवश्यक है?
यदि विधि मालूम हो तो स्वयं भी कर सकते हैं, अन्यथा अनुभवी पंडित का मार्गदर्शन लेना अच्छा रहता है।
पितृ दोष निवारण में ध्यान देने योग्य बातें
पूर्ण श्रद्धा और नियम पालन आवश्यक है।
भोजन का पहला भाग अवश्य गौ, कुत्ता, कौवा और ब्राह्मण को देना चाहिए।
परिवार के सभी सदस्यों को भी तर्पण के समय श्रद्धा से सम्मिलित होना चाहिए।
निष्कर्ष
पितृ दोष पूजा हमारे जीवन की अनेक बाधाओं को दूर करने का एक प्रभावी साधन है। यदि इसे सही विधि और भावना से किया जाए तो न केवल पारिवारिक सुख-शांति बढ़ती है, बल्कि आर्थिक उन्नति और संतान प्राप्ति के मार्ग भी प्रशस्त होते हैं। अतः नियमित रूप से पितरों की पूजा और स्मरण अवश्य करें।
आप भी इस सरल विधि का पालन करके घर बैठे पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सकते हैं।