नारायण नागबली मुहूर्त

नारायण नागबली मुहूर्त: जानिए इस विशेष पूजा के लिए सर्वोत्तम समय

नारायण नागबली पूजा एक अत्यंत प्रभावशाली वैदिक अनुष्ठान है जो पितृ दोष, आकस्मिक मृत्यु, और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। त्र्यंबकेश्वर, नाशिक में विशेष रूप से की जाने वाली इस पूजा के लिए सही मुहूर्त अत्यंत आवश्यक होता है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि नारायण नागबली पूजा के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त कब होता है, क्यों यह जरूरी है, और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ।


नारायण नागबली पूजा क्या है?

नारायण नागबली पूजा दो अलग-अलग विधियों – नारायण बली और नागबली – को मिलाकर की जाती है। यह पूजा उन पूर्वजों के लिए की जाती है जिनकी मृत्यु अकाल, दुर्घटना या आत्महत्या से हुई हो। साथ ही, यदि किसी कुंडली में पितृ दोष या नाग दोष हो तो भी यह पूजा आवश्यक मानी जाती है।


मुहूर्त क्यों है महत्वपूर्ण?

जैसे किसी भी वैदिक अनुष्ठान में शुभ समय का विशेष महत्व होता है, वैसे ही नारायण नागबली पूजा के लिए भी विशिष्ट मुहूर्त आवश्यक होता है। सही मुहूर्त में पूजा करने से उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और इच्छित फल जल्दी प्राप्त होते हैं।


नारायण नागबली मुहूर्त कैसे निर्धारित होता है?

नारायण नागबली पूजा के लिए जो प्रमुख मुहूर्त होते हैं, वे आमतौर पर पितृ पक्ष, श्राद्ध पक्ष, अमावस्या, गुरु पुष्य योग, और त्र्यंबकेश्वर में उपलब्ध विशेष तिथियाँ होती हैं।

पंडित गण पंचांग देखकर निम्नलिखित आधार पर शुभ तिथि चुनते हैं:

  • चंद्र नक्षत्र की स्थिति

  • वार एवं तिथि का संयोग

  • जातक की कुंडली में दोष की स्थिति

  • ग्रहों की चाल


2025 के संभावित मुहूर्त (Indicative Muhurats for 2025)

नोट: नीचे दिए गए तिथियाँ सामान्य हैं। कृपया किसी योग्य पंडित से परामर्श कर व्यक्तिगत शुभ तिथि सुनिश्चित करें।

माहतिथियाँ (संभावित)
जनवरी11, 17, 26
फरवरी10, 16, 25
मार्च9, 16, 24
अप्रैल7, 13, 22
मई5, 12, 19
जून3, 9, 17
जुलाई2, 8, 15, 31
अगस्त6, 13, 28
सितम्बर4, 11, 26
अक्टूबर3, 10, 24
नवम्बर1, 7, 21
दिसम्बर1, 7, 20

त्र्यंबकेश्वर में पूजा के लिए बुकिंग कैसे करें?

त्र्यंबकेश्वर मंदिर में यह पूजा कई पंडित परिवार पीढ़ियों से करते आ रहे हैं। बुकिंग के लिए निम्न चरणों का पालन करें:

  1. विश्वसनीय और अनुभवी पंडित का चयन करें।

  2. पंडित से अपनी जन्म कुंडली दिखाकर शुभ तिथि पक्की करवाएं।

  3. कम से कम 7-10 दिन पहले बुकिंग कन्फर्म करें।

  4. अपनी उपस्थिति के अनुसार सभी आवश्यक वस्तुओं की सूची पंडित से प्राप्त करें।


पूजा के लिए आवश्यक सामग्री (Samagri)

नारायण नागबली पूजा में निम्न प्रमुख वस्तुएं प्रयोग होती हैं:

  • काला तिल

  • पंचगव्य

  • वस्त्र (सफ़ेद धोती, साड़ी)

  • नाग/नारायण प्रतीक

  • पीतल के पात्र

  • कुशा, फूल, फल, अक्षत

  • गोमूत्र, गंगाजल, हवन सामग्री


पूजा के बाद क्या करें? नियम और आचार

  1. तीन दिनों तक ब्रह्मचर्य पालन करें।

  2. सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से बचें।

  3. किसी भी प्रकार की अशुद्धि जैसे बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना टालें।

  4. देवताओं और पितरों के लिए तर्पण एवं दान करें।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या नारायण नागबली किसी भी दिन की जा सकती है?

नहीं, यह पूजा केवल विशेष मुहूर्तों में ही की जाती है, जो पंचांग और ज्योतिष के अनुसार होते हैं।

2. क्या यह पूजा केवल त्र्यंबकेश्वर में ही होती है?

जी हां, नारायण नागबली पूजा का प्रमुख और शास्त्रसम्मत स्थल त्र्यंबकेश्वर, नाशिक ही माना जाता है।

3. क्या महिला इस पूजा में भाग ले सकती है?

सामान्यत: इस पूजा में पुरुष सदस्य मुख्य यजमान होते हैं, लेकिन महिलाएं दर्शन या भागवत श्रवण में उपस्थित हो सकती हैं।

4. मुहूर्त के दिन क्या विशेष नियम होते हैं?

पूजा से पूर्व और पश्चात ब्रह्मचर्य, सात्विक आहार और संयमित आचरण आवश्यक होता है।


निष्कर्ष: शुभ मुहूर्त में की गई पूजा देती है पूर्ण फल

नारायण नागबली पूजा का प्रभाव तभी देखने को मिलता है जब इसे योग्य पंडित द्वारा, उचित विधि और सही मुहूर्त में किया जाए। यह न केवल पूर्वजों को शांति देता है, बल्कि जीवन की बाधाएं भी दूर करता है। यदि आप इस वर्ष यह पूजा करने का विचार कर रहे हैं, तो पहले एक अनुभवी पंडित से परामर्श लें और मुहूर्त की पुष्टि करें।

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पंडित माधव शास्त्री +91 7770054230