नारायण नागबली कब करना चाहिए

नारायण नागबली कब करना चाहिए: एक विस्तृत मार्गदर्शिका

नारायण नागबली पूजा, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो त्र्यंबकेश्वर के मंदिर में विशेष रूप से की जाती है। इस पूजा का उद्देश्य पितृ दोष, नाग दोष, और अकाल मृत्यु से छुटकारा प्राप्त करना होता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जानेंगे कि नारायण नागबली कब करना चाहिए, और यह पूजा जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है।


नारायण नागबली पूजा क्या है?

नारायण नागबली पूजा एक धार्मिक प्रक्रिया है, जो खासकर त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र में की जाती है। यह पूजा दो प्रमुख अंशों में बटी होती है:

  1. नारायण बली – यह पूजा पितृ दोष को समाप्त करने और अकाल मृत्यु से मुक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती है।

  2. नाग बली – यह पूजा नाग दोष से मुक्ति पाने के लिए की जाती है। यदि आपके पूर्वजों ने नागों को नुकसान पहुंचाया है, तो यह पूजा उस दोष को समाप्त करने के लिए की जाती है।

नारायण नागबली पूजा का उद्देश्य पितरों की आत्मा को शांति देना और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और शांति लाना है।


नारायण नागबली कब करना चाहिए?

नारायण नागबली पूजा का समय और तिथि का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे विशेष मुहूर्त, तिथियों और योगों में किया जाता है।

1. पितृ पक्ष में नारायण नागबली पूजा

पितृ पक्ष, जो हर वर्ष श्राद्ध पक्ष के दौरान होता है, नारायण नागबली पूजा करने के लिए एक आदर्श समय होता है। इस समय पितरों की तर्पण और पूजा की जाती है, और यह दिन विशेष रूप से पितृ दोष को समाप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। पितृ पक्ष में नारायण नागबली पूजा से पितरों को शांति मिलती है और परिवार के सदस्य पितृ दोष से मुक्त हो सकते हैं।

2. अमावस्या के दिन

अमावस्या, जिसे हिंदी पंचांग के अनुसार चंद्रमास की समाप्ति के रूप में माना जाता है, नारायण नागबली पूजा करने के लिए एक अच्छा समय है। इस दिन को पितरों के पूजन और तर्पण के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। अमावस्या के दिन नारायण नागबली पूजा करने से पितृ दोष और नाग दोष से मुक्ति मिल सकती है।

3. गुरुपुष्य योग

गुरुपुष्य योग का समय भी नारायण नागबली पूजा के लिए उपयुक्त होता है। यह समय विशेष रूप से ग्रहों की स्थिति और शुभ योगों से जुड़ा होता है। इस समय पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन के सभी दोष समाप्त होते हैं।

4. दिवाली और अन्य प्रमुख त्योहार

दिवाली का समय भी एक शुभ अवसर है जब नारायण नागबली पूजा की जाती है। यह समय पितरों और देवी-देवताओं के पूजन का होता है। विशेष रूप से जब देवी लक्ष्मी की पूजा होती है, तब पितरों को श्रद्धांजलि देने और उनके दोषों से मुक्ति पाने के लिए नारायण नागबली पूजा करना अत्यधिक लाभकारी होता है।


नारायण नागबली पूजा के लाभ

नारायण नागबली पूजा के कई लाभ होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाते हैं।

1. पितृ दोष से मुक्ति

यदि आपके परिवार में पितृ दोष है, तो यह पूजा पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करती है। इससे पितृ दोष से जुड़ी सभी समस्याओं, जैसे पारिवारिक विवाद, आर्थिक संकट और शारीरिक बीमारियाँ, दूर होती हैं।

2. नाग दोष का निवारण

नाग दोष व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का कारण बन सकता है। यदि आपके पूर्वजों ने नागों को हानि पहुँचाई हो या नाग दोष हो, तो इस पूजा से वह दोष समाप्त हो सकता है। यह पूजा नाग दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

3. अकाल मृत्यु से मुक्ति

नारायण नागबली पूजा से अकाल मृत्यु के दोष से भी छुटकारा मिलता है। यदि आपके परिवार में अकाल मृत्यु की घटनाएँ बार-बार हो रही हों, तो यह पूजा एक उपाय के रूप में कार्य करती है और परिवार के सदस्यों को शांति और दीर्घायु प्राप्त होती है।

4. जीवन में शांति और समृद्धि

नारायण नागबली पूजा जीवन में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। यह पूजा आपके जीवन से सभी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक दुखों को दूर करती है और आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है।


नारायण नागबली पूजा की विधि

नारायण नागबली पूजा तीन दिन की प्रक्रिया है। हर दिन की पूजा के विशेष चरण होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।

पहला दिन: नारायण बली पूजा

पहले दिन की पूजा पितरों की शांति के लिए की जाती है। इसमें पिंडदान और तर्पण की प्रक्रिया होती है। यह पूजा पितरों के आशीर्वाद के लिए होती है और उनका दोष दूर करने के लिए की जाती है।

दूसरा दिन: नाग बली पूजा

दूसरे दिन नाग बली पूजा होती है। इसमें नाग प्रतिमा की पूजा की जाती है और उनके दोषों से मुक्ति के लिए तर्पण अर्पित किया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से नाग दोष को समाप्त करने के लिए की जाती है।

तीसरा दिन: मोक्ष और समृद्धि के लिए पूजा

तीसरे दिन पूजा का उद्देश्य जीवन में शांति और समृद्धि लाना होता है। इसमें विशेष रूप से मोक्ष के लिए प्रार्थना की जाती है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. नारायण नागबली पूजा कौन कर सकता है?

नारायण नागबली पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जो पितृ दोष, नाग दोष या अकाल मृत्यु के दोष से मुक्ति प्राप्त करना चाहता है। यह पूजा विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर में की जाती है, लेकिन किसी भी अन्य स्थान पर भी की जा सकती है, बशर्ते विधि का पालन ठीक से किया जाए।

2. क्या नारायण नागबली पूजा को घर पर किया जा सकता है?

नारायण नागबली पूजा को घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए योग्य पंडित और पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है। सबसे अच्छा है कि इसे त्र्यंबकेश्वर में ही किया जाए, क्योंकि वहां की भूमि और मंदिर की पवित्रता इस पूजा के लिए आदर्श मानी जाती है।

3. नारायण नागबली पूजा के बाद क्या नियम होते हैं?

नारायण नागबली पूजा के बाद कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है, जैसे कि शुद्ध भोजन ग्रहण करना, अपवित्र कार्यों से बचना और ताजे जल से स्नान करना।


निष्कर्ष

नारायण नागबली पूजा एक अत्यंत प्रभावशाली पूजा है, जो पितृ दोष, नाग दोष और अकाल मृत्यु के दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसे विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर में किया जाता है, और इसे पितृ पक्ष, अमावस्या, गुरुपुष्य योग और दिवाली जैसे शुभ अवसरों पर करना अत्यधिक फलदायी होता है। इस पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

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पंडित माधव शास्त्री +91 7770054230