सावन व्रत में खाने

सावन व्रत में खाने की खास और पौष्टिक रेसिपीज


भूमिका: उपवास और पोषण का संतुलन

सावन का महीना भक्ति, साधना और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इस पवित्र माह में भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं और उपवास रखते हैं। हालांकि उपवास के दौरान खान-पान सीमित होता है, लेकिन शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता बनी रहती है। इसलिए उपवास में क्या खाएं, यह तय करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। इस ब्लॉग में हम सावन व्रत के लिए कुछ खास और पौष्टिक रेसिपीज के बारे में विस्तार से जानेंगे।


सावन व्रत में किन चीजों से परहेज करें?

उपवास के दौरान निम्नलिखित चीजों से परहेज करना चाहिए:

  • गेहूं, चावल, दालें

  • प्याज और लहसुन

  • सामान्य नमक

  • मसालेदार या भारी भोजन

इनकी जगह पर यह चीजें उपयुक्त मानी जाती हैं:

  • सेंधा नमक

  • साबूदाना, सिंघाड़ा आटा, कुट्टू आटा

  • आलू, शकरकंद, अरबी

  • दूध, दही, माखन, मखाना

  • फल और सूखे मेवे


1. साबूदाना खिचड़ी

सामग्री:

  • 1 कप साबूदाना (रातभर भीगा हुआ)

  • 2 उबले आलू

  • 1/2 कप मूंगफली

  • 2 चम्मच घी

  • हरी मिर्च, सेंधा नमक

विधि:

  1. घी में जीरा और हरी मिर्च का तड़का लगाएं।

  2. आलू डालें और हल्का भूनें।

  3. फिर साबूदाना और मूंगफली मिलाएं।

  4. धीमी आंच पर पकाएं जब तक साबूदाना पारदर्शी हो जाए।

उर्जा लाभ: कार्बोहाइड्रेट से भरपूर यह खिचड़ी उपवास में ऊर्जा बनाए रखती है।


2. कुट्टू की पूरी

सामग्री:

  • 1 कप कुट्टू आटा

  • 2 उबले आलू

  • सेंधा नमक, हरी मिर्च

  • घी या तेल तलने के लिए

विधि:

  1. आटे में आलू, नमक और मिर्च मिलाकर गूंद लें।

  2. लोई बनाकर बेलें और घी में तलें।

FAQ: क्या कुट्टू की जगह सिंघाड़ा इस्तेमाल कर सकते हैं? उत्तर: हां, सिंघाड़ा आटा भी उपयोग में लाया जा सकता है।


3. मखाना खीर

सामग्री:

  • 1 कप मखाना

  • 1/2 लीटर दूध

  • 4 बड़े चम्मच चीनी या गुड़

  • केसर, इलायची

  • सूखे मेवे

विधि:

  1. मखाना घी में भूनें।

  2. दूध में डालकर उबालें।

  3. मीठा मिलाकर गाढ़ा होने तक पकाएं।

  4. सूखे मेवे डालें।

आध्यात्मिक महत्त्व: यह खीर भगवान शिव को भोग लगाने हेतु उत्तम मानी जाती है।


4. लौकी थेपला (व्रत के लिए)

सामग्री:

  • 1 कप लौकी कद्दूकस

  • 1 कप सिंघाड़ा आटा

  • हरी मिर्च, धनिया, सेंधा नमक

विधि:

  1. सभी सामग्री मिलाकर गूंद लें।

  2. थेपला बेलें और तवे पर घी से सेंक लें।

पोषण लाभ: लौकी पेट को ठंडक देती है और पाचन में मदद करती है।


5. व्रत वाले आलू

सामग्री:

  • उबले आलू

  • जीरा, हरी मिर्च, सेंधा नमक

  • घी

विधि:

  1. घी गर्म करें, जीरा व मिर्च तड़का लगाएं।

  2. आलू डालें, सेंधा नमक डालें।

  3. हल्का ब्राउन होने तक भूनें।

टिप: थोड़ा नींबू रस डालकर स्वाद और पाचन में सुधार लाएं।


6. फल और मेवे की चाट

सामग्री:

  • केला, सेब, अनार, अंगूर

  • खजूर, किशमिश, बादाम

  • सेंधा नमक, नींबू रस

विधि:

  1. फल काटकर मेवे के साथ मिलाएं।

  2. नमक और नींबू रस डालें।

  3. ठंडा परोसें।

ऊर्जा लाभ: ताजे फल शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।


7. सिंघाड़ा चीला

सामग्री:

  • 1 कप सिंघाड़ा आटा

  • पानी

  • हरी मिर्च, धनिया

  • सेंधा नमक

विधि:

  1. बैटर बनाएं।

  2. तवे पर डालें और दोनों ओर घी से सेंकें।

स्वास्थ्य लाभ: सिंघाड़ा शरीर को ठंडा रखता है और ग्लूटेन-फ्री होता है।


8. समा के चावल का पुलाव

सामग्री:

  • 1 कप समा चावल

  • उबले आलू

  • जीरा, मूंगफली

  • सेंधा नमक, घी

विधि:

  1. घी में जीरा व मूंगफली भूनें।

  2. आलू व समा चावल डालें।

  3. पानी मिलाकर पकाएं।

पाचन लाभ: समा चावल हल्का और फाइबर युक्त होते हैं।


9. शकरकंद टिक्की

सामग्री:

  • 2 शकरकंद उबली हुई

  • सेंधा नमक, धनिया

  • पिसे मूंगफली (वैकल्पिक)

विधि:

  1. सब मिलाकर टिक्की बनाएं।

  2. घी में सुनहरा सेंकें।

पोषण लाभ: फाइबर और प्राकृतिक मिठास से भरपूर।


10. नारियल के लड्डू

सामग्री:

  • 2 कप नारियल (कद्दूकस किया हुआ)

  • 1 कप कंडेंस्ड मिल्क या गुड़

  • इलायची

विधि:

  1. नारियल भूनें।

  2. कंडेंस्ड मिल्क डालें और गाढ़ा करें।

  3. लड्डू बनाएं।

धार्मिक उपयोग: शिवजी को भोग लगाने के लिए उपयुक्त।


उपवास में हेल्दी रहने के सुझाव

  • पर्याप्त पानी पीएं

  • बहुत ज्यादा तला-भुना न खाएं

  • घी का सीमित प्रयोग करें

  • समय पर भोजन करें

  • उपवास तोड़ते समय फल या हल्का तरल लें


सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्र1. क्या उपवास में चाय पी सकते हैं?
हां, परंतु बिना अधिक दूध और शक्कर के।

प्र2. क्या बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये रेसिपी ठीक हैं?
हाँ, यदि मसालों की मात्रा कम हो।

प्र3. क्या ये रेसिपी नॉर्मल दिनों में भी खा सकते हैं?
बिलकुल! यह सभी हेल्दी और संतुलित होती हैं।

प्र4. व्रत में कितनी बार खा सकते हैं?
1 से 2 बार, वह भी सीमित मात्रा में।

प्र5. क्या व्रत में नींबू और धनिया चला सकते हैं?
हाँ, ये दोनों व्रत में स्वीकार्य होते हैं।


निष्कर्ष: भक्ति के साथ संतुलित आहार

सावन व्रत न केवल आध्यात्मिक विकास का अवसर है, बल्कि शरीर को डिटॉक्स और संतुलन में लाने का भी माध्यम है। सही रेसिपीज़ चुनकर हम उपवास के नियमों का पालन करते हुए ऊर्जा और स्वाद दोनों बनाए रख सकते हैं। इन पारंपरिक लेकिन पौष्टिक व्यंजनों के साथ सावन को और भी खास बनाएं।


 

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पंडित माधव शास्त्री +91 7770054230